Inside Politics : कर्नाटक के अगले मुख्यमंत्री के चुनाव पर बासवराज बोम्मई क्या बोले?
Category : राजनीति
Uploaded : 17 May 2023, 12:38 PM IST,
Updated : 19 May 2023, 01:39 PM IST
कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा दे चुके बीजेपी नेता बासवराज बोम्मई ने कहा है कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर जारी दुविधा कांग्रेस की अंदरूनी स्थिति को दर्शाता है।

कर्नाटक के अगले मुख्यमंत्री के चुनाव पर बासवराज बोम्मई
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक़, बोम्मई ने कहा, ''बहुमत मिलने के बावजूद कांग्रेस अभी तक मुख्यमंत्री चेहरे पर मुहर नहीं लगा पाई है. यह पार्टी की अंदरूनी स्थिति को दर्शाता है. राजनीति से ज़्यादा ज़रूरी है लोगों के हितों के लिए काम करना. कांग्रेस को जल्द से जल्द अपना मुख्यमंत्री चुनना चाहिए।
कर्नाटक चुनाव के परिणामों के बाद बासवराज बोम्मई ने शनिवार को राज्य के राज्यपाल थावर चंद गहलोत को अपना इस्तीफ़ा सौंप दिया था।
कर्नाटक चुनाव में 135 सीटें जीतने वाली कांग्रेस अभी तक सीएम पद पर फ़ैसला नहीं कर सकी है।
सीएम पद की रेस में सबसे आगे सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार हैं. कांग्रेस प्रवक्ताओं का कहना है कि अगले 48 से 72 घंटों में कर्नाटक में नई कैबिनेट होगी।
राजस्थान के जैसलमेर में पाकिस्तान से आए हिंदुओं के घरों पर बुलडोज़र चलाए जाने की ख़बरों के बीच आईएएस अधिकारी टीना डाबी की चर्चा हो रही है।
टीना डाबी बुधवार को सोशल मीडिया पर भी कुछ वक़्त के लिए टॉप ट्रेंड्स में रहीं।
दरअसर जैसलमेर में पाकिस्तान से आकर रह रहे हिंदुओं के घरों पर प्रशासन ने बुलडोज़र से कार्रवाई की है।
प्रशासन का कहना है कि ये कार्रवाई अतिक्रमण को ख़त्म करने के लिए की गई है।
यूआईटी यानी अर्बन इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट के एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा, “कलेक्टर के आदेश पर इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया है. यह ज़मीन यूआईटी की है, यहां 28 पाकिस्तानी विस्थापितों ने कच्ची झोपड़ियां बनाई हुई थीं।”
जैसलमेर के तहसीलदार प्रेम सेहरा ने बीबीसी से कहा है, “पाकिस्तानी से आए हिंदुओं ने अमर सागर के पास यूआईटी की ज़मीन पर 28 जगह कब्जा कर रखा था. बीते पांच अप्रैल को भी कार्रवाई की गई थी. सोमवार को जगहों की पहचान की गई और मंगलवार को बुल्डोजर से अतिक्रमण हटाया है।”
प्रेम सेहरा ने आरोप लगाया, “पाक विस्थापित ज़मीनों पर इसी तरह झोपड़ी बनाकर या पत्थरों को रखकर कब्जा करते हैं और आगे चलकर दस-बीस हज़ार रुपए में बिना कागज के बेच देते हैं।”
तहसीलदार सेहरा ने बताया, “जब हम पहले गए तब वहां कोई नहीं था. लेकिन कार्रवाई की भनक लगते ही वहां मंगलवार को लोग आ गए. हालांकि हमने अतिक्रमण हटा दिया है।”

Author Of This Article
सौरभ सिंह
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मैं सौरभ सिंह 3 वर्षों से पत्रकारिता में हूँ। खेल पत्रकारिता में मेरी विशेषज्ञता है। मैंने महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन गलगोटियाज यूनिवर्सिटी से किया है। मैं इन दिनों क्रिकेट, बॉलीवुड, फ़िल्म, टीवी, फ़िल्म समीक्षा, साक्षात्कार और खेल रिपोर्टिंग से जुड़ी ख़बरें कर रहा हूँ।
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